Basant panchmi 2022 shubh muhurt in Hindi: बसंत पंचमी कब है 2022? जाने सरस्वती पूजा मंत्र विधि विधान शुभ संयोग मुहूर्त एवं संपूर्ण जानकारी?
पौराणिक कथाओं के अनुसार ज्ञान की देवी मां सरस्वती शुक्ल पक्ष की पंचमी को ब्रह्मा जी के मुख से प्रकट हुई थी इसीलिए इस दिन मां सरस्वती जी की पूजा की जाती है.बसंत पंचमी हर साल माघ के मास के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाई जाती है.
इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती मां की पूजा करते हैं आज का दिन नई कला की प्राप्ति के लिए ग्रह प्रवेश के लिए विद्या प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है
बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त(basant panchami shubh muhurat 2022 in India)
5 फरवरी को सुबह 3:00 बजे कर 36 मिनट पर पंचमी तिथि लगेगी जो अगले दिन 6फरवरी को सुबह 6:00 बजे कर 47 मिनट पर समाप्त होगी.
बसंत पंचमी का त्यौहार 16 फरवरी को मनाया जाएगा.
पूजा अर्चना करने का शुभ मुहूर्त---साडे 5 घंटे तक रहेगा
क्यों की जाती है बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा(basant panchmi and Saraswati puja 2022)/
पुरानी कथा व मान्यताओं के अनुसार देवी मां सरस्वती शुक्ल पक्ष की पंचमी को ब्रह्मा जी के मुख से प्रकट हुई थी इस दिन विधि विधान से मां सरस्वती मां की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है,
अथवा ऐसा भी माना जाता है कि ब्रह्मा जी ने विष्णु भगवान की अनुमति लेकर अपने कमंडल से कुछ बूंदे धरती पर डाली तो वहां एक देवी प्रकट हुई यह मां सरस्वती थी.
बसंत पंचमी का महत्व(basant panchmi significance 20212in Hindi)
पुरानी कथा व मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी को श्री पंचमी भी कहा जाता है. इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती मां की आराधना की जाती है. आज दिन शिक्षा प्रारंभ करने के या किसी नए कार्य की शुरुआत के लिए शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है. इस दिन कुछ लोग गृह प्रवेश में प्रारंभ करते हैं. ऐसा माना जाता है कि कामदेव जी अपनी पत्नी रति के साथ पृथ्वी लोक पर आते हैं तो जिन लोगों की वैवाहिक संबंध किसी प्रकार की कोई मुश्किलें होती है तो कामदेव और रति की पूजा करते हैं. इस दिन भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की पूजा का विधान माना जाता है.
अथवा ऐसा माना जाता है कि जो विद्यार्थी विद्या अध्ययन करते हैं उन्हें देवी मां सरस्वती और अपनी पुस्तकों का पूजन करना चाहिए
बसंत पंचमी पर कैसे करें मां सरस्वती मां की पूजा(Saraswati puja vidhi in Hindi 2022)
1. प्रातः सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर पूर्व या उत्तर दिशा में सरस्वती मां का पूजन प्रारंभ करें.
2. मां सरस्वती के लिए पीले वस्त्र बिछाकर उस पर मां सरस्वती को विराजित करें.
3.मां सरस्वती को रोली चावल मौली पीले फूल पीली मिठाई दही और मिश्री उनके पास प्रसाद स्वरूप रखें.
4.सरस्वती मां को पीले फूल और पीला चंदन लगाना चाहिए केसर मिश्री और मिठाई उन्हें अर्पित करना सर्वोत्तम है. पूजा के स्थान पर किताबें पुस्तक और वाद्य यंत्र रखें.
सरस्वती माता मंत्र(Saraswati Mata mantra)
• ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः।
•ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।
•ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वीणा पुस्तक धारिणीम् मम् भय निवारय निवारय अभयम् देहि देहि स्वाहा।
•ऐं नमः भगवति वद वद वाग्देवि स्वाहा।
•ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।
• ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।
सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभिः।।वन्दे भक्तया वन्दिता
च ।।
सरस्वती वंदना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा- -पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्
वन्दे तां परमेश्वरी भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥२॥
बसंत पंचमी सरस्वती मां के जन्मदिन के रूप में बनाया जाता है पर इस दिन होने वाले विवाह अत्यंत शुभ कार्य माने जाते हैं ऐसा माना जाता है कि विवाह करने वाले जातक और जाति का पर सरस्वती मां की कृपा बरसती है इस बार बसंत पंचमी पर वैवाहिक शुभ मुहूर्त बन रहे हैं इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में 5:09 से अगले दिन सुबह 5:59 तक रहेगा के अलावा इस दिन रवि योग सुबह 6:48 से दोपहर 12:00 बज कर 14 मिनट तक रहेगा.विजय महूरत दोपहर 2:30 से दोपहर 3:17 तक रहेगा.
• निशिता महूरत रात 12:11 से रात 1:00 बजे तक रहेगा.इत्यादि
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1 Comments
Nice jankari
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